01 February, 2010

Ek najar " Bharat" desh ki Bhasha hindi par


मेरे प्यारे माननीय दोस्त लोगो और देश वाशियो
नमस्ते जय भारत साथ ये बताने में मुझे और आपलोगो  को बेहद ख़ुशी होगी की, पुरे भारत देश में हिंदी बोलने और समजने वालो की संख्या ६२ करोड़ है , और इनके अनुपात में पुरे विश्व में इंग्लिश बोलने वालो की संख्या ४८ करोड़ है , जरा सोचिये क्या है ये सब ??????????? हमारी रास्त्र भाषा की ये अवदशा ???? एक रास्त्र एक भाषा . क्यों इंग्लैंड में दूसरी भाषा  नहीं चलती ? विचारिये और पुरे विश्व के प्रथम सोपान पर हमारी हिंदी फिल्म इन्दुस्ट्री है जो  हिंदी दर्शको से ही समृध्ध है फिर भी उन लोगो फिल्म के किसी अवार्ड फंक्सन में ज्यादातर अभिनेता अभिनेत्री और संचालक या सूत्रधार इंग्लिश भाषा में ही बोलते है  क्यों ?????????
ये सुलगता सवाल है ???????इंग्लिश भाषा से कोई वैर नहीं है न तो नफ़रत .... हमें रास्त्रभाषा से कोई लगाव या सन्मान ही नहीं ...नहीं तो हम सब लोग एक साथ हिंदी में ही बात करते .... नहीं की  इंग्लिश भाषा बोलने से  हमारे कहेने के तात्पर्य में वजन आ जाता है एसा हमारा जूठा मानना है नहीं तो नेशनल जियोग्राफी, और गूगल और  डिस्कवरी चेनल वाले भला क्यों हिंदी अनुवादित चेनल शुरू करते ??????? जरा ध्यान से विचारिये ये मुद्ददे को ...............
हम भारतीयों लगभग ३ से ५ हजार साल से विदेश से व्यापर करते आये है तभी  अंतर-रास्ट्रीय भाषा का प्रश्न नहीं हुआ तो अब कहा से ये प्रश्न आया ???? जरा सोचिये सिर्फ इंग्लिश  नहीं आने से हम पीछे है ?????? अगर पीछे रहेने के लिए भाषा जिम्मेदार होती तो जापान, जर्मनी, रशिया,  फ़्रांस  चीन, कोरिया,जेसे कंही देश पीछे रहेते. दूसरी बात उनलोगों के लिए है जिन लोगो विदेश जाते है किस के लिए जाते है ??? अपने लिए या देश के लिए ???? ऐसे लोगो लिए पुरे ६२ करोड़ के सर पे इंग्लिश की मार नहीं मारी जाती.
पुरे भारत में देखो तो पता चलेगा के की एक छोटा सा  गाँव का नाम का  निर्देशन करने के लिए ५- ५ bhansha का प्रयोग किया जाता है गाँव तो ठीक पुरे देश के रेलवे और बस हवाई बस के सभी स्थानक में तिन तिन भाषा का प्रयोग !!!!!!!!!!भाई किस लिए ??????   ये तो केवल छोटे  उदाहरण  है, और भी मिल जायेगे . मुझे रास्त्र भाषा अच्छी लगती है उनका कोई कारण नहीं होता क्यों की ये हमारे देश भारत की भाषा है हम ही हमारी भाषा को बिगाड़ेंगे तो दूसरो को हमारे पर प्यार आने वाला नहीं है  ये भी वैश्विक सच्चाई है  रास्त्र की भाषा पुरे रास्त्र का प्रतिबिम्ब है पूरा रास्त्र का मतलब में और आप और हम सब लोग और कोई नहीं ........सोचिये इस बात पर .... अगर थोड़ी सी सच्चाई है ये पुरे ब्लॉग में तो अप लोगो भी ये सारी बाते और सच्चाये अपने शिक्षक,  शाला, उच्चतर शाला,  महाविद्यालय में भेज सकते है या फिर ये सन्देश को अनु-बिड भी कर सकते हो अपने दोस्त और स्नेही गण को .